Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चर्चा के बाद सदन के सामने रखे प्रस्ताव पर सदस्यों से राय मांगी कि वो मोइत्रा की सदस्यता खत्म करने के पक्ष में हैं या विरोध में? फिर महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म करने का फैसला ध्वनिमत से पारित हो गया। सदन से निकलकर महुआ ने कहा कि एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए।
नई दिल्ली। महुआ मोइत्रा अब सांसद नहीं रहीं। उन्हें अनैतिक आचरण का दोषी पाए जाने के बाद उनकी लोकसभा से निकाल दिया गया। पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में आचार समिति ने महुआ मोइत्रा को दोषी पाया और उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की। बीजेपी सांसद विनोद सोनकर की अध्यक्षता वाली एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट को लोकसभा के पटल पर रखा गया और उस पर चर्चा हुई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चर्चा के बाद सदन के सामने रखे प्रस्ताव पर सदस्यों से राय मांगी कि वो मोइत्रा की सदस्यता खत्म करने के पक्ष में हैं या विरोध में? फिर महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म करने का फैसला ध्वनिमत से पारित हो गया। सदन से निकलकर महुआ ने कहा कि एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए।
इससे पहले एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान टीएमसी सांसदों सुदीप बंदोपाध्याय और कल्याण बनर्जी ने पार्टी की तरफ से महुआ मोइत्रा को ही बोलने देने की अनुमति मांगी। हालांकि, सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 2005 में 10 सांसदों की सदस्यता रद्द करने का उदाहरण बता दिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने साफ कहा था कि चूंकि सांसदों को एथिक्स कमिटी के सामने अपना पक्ष रखने का मौका मिला था, इसलिए अब संसद की गरिमा गिराने के दोषी पाए जाने के बाद वो सदन में बोलने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी टीएमसी सांसदों से कहा कि सदन की मान्य परंपराओं के अनुसार महुआ को बोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। चर्चा के दौरान महुआ मोइत्रा कई बार भाषण के दस्तावेज के साथ अपनी सीट पर खड़ी हुईं, लेकिन उन्हें हर बार बैठना पड़ा। वो एक शब्द भी नहीं बोल पाईं।